2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2008 के बाद 11 टेलिकॉम कंपनियों को जारी किए गए 122 2जी लाइसेंस रद्द किए हैं।
यूनिनॉर के 22, लूप टेलिकॉम के 21, टाटा टेलि के 3, सिस्टेमा श्याम के 21, एतिसलात डीबी के 15, एस टेल के 6, वीडियोकॉन के 21, आइडिया के 9, स्वैन टेलिकॉम के 13 और स्पाइस के 4 लाइसेंस रद्द हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वैन टेलिकॉम, यूनिनॉर और टाटा टेलि पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा लूप टेलिकॉम, एस टेल, सिस्टेमा श्याम पर भी 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
डीबी रियल्टी का कहना है कि कंपनी का एतिसलात डीबी से लेना-देना नहीं है। लाइसेंस रद्द होने का डीबी रियल्टी पर असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा 2जी घोटाले में प्रमोटरों के खिलाफ मामले
का भी डीबी रियल्टी पर असर नहीं होगा।
यूनिनॉर द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक कंपनी के साथ नाइंसाफी की गई है। यूनिनॉर ने सरकारी नियमों का पालन किया था और गलत सरकारी नीतियों के लिए कंपनी को दंडित नहीं किया जा सकता है। यूनिनॉर ने सेवाएं जारी रखने का संकेत देते हुए कहा है कि कंपनी सभी विकल्पों पर विचार करेगी।
रिलायंस कम्यूनिकेशंस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कंपनी के 2जी लाइसेंस पर असर नहीं पड़ता है।
टेलिकॉम विभाग के सूत्रों के मुताबिक 2जी पॉलिसी में खामी नहीं थी, बल्कि नीति को लागू करते वक्त गलतियां की गईं। लाइसेंस की नीलामी के वक्त पारदर्शी तरीका अपनाया गया था।
जाने माने वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला कॉरपोरेट जगत के लिए सही संकेत होगा। वहीं, कॉरपोरेट वकील एच पी रानीना का कहना है कि फैसले के बाद विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
यूनिनॉर के 22, लूप टेलिकॉम के 21, टाटा टेलि के 3, सिस्टेमा श्याम के 21, एतिसलात डीबी के 15, एस टेल के 6, वीडियोकॉन के 21, आइडिया के 9, स्वैन टेलिकॉम के 13 और स्पाइस के 4 लाइसेंस रद्द हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वैन टेलिकॉम, यूनिनॉर और टाटा टेलि पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा लूप टेलिकॉम, एस टेल, सिस्टेमा श्याम पर भी 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
डीबी रियल्टी का कहना है कि कंपनी का एतिसलात डीबी से लेना-देना नहीं है। लाइसेंस रद्द होने का डीबी रियल्टी पर असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा 2जी घोटाले में प्रमोटरों के खिलाफ मामले
का भी डीबी रियल्टी पर असर नहीं होगा।
यूनिनॉर द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक कंपनी के साथ नाइंसाफी की गई है। यूनिनॉर ने सरकारी नियमों का पालन किया था और गलत सरकारी नीतियों के लिए कंपनी को दंडित नहीं किया जा सकता है। यूनिनॉर ने सेवाएं जारी रखने का संकेत देते हुए कहा है कि कंपनी सभी विकल्पों पर विचार करेगी।
रिलायंस कम्यूनिकेशंस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कंपनी के 2जी लाइसेंस पर असर नहीं पड़ता है।
टेलिकॉम विभाग के सूत्रों के मुताबिक 2जी पॉलिसी में खामी नहीं थी, बल्कि नीति को लागू करते वक्त गलतियां की गईं। लाइसेंस की नीलामी के वक्त पारदर्शी तरीका अपनाया गया था।
जाने माने वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला कॉरपोरेट जगत के लिए सही संकेत होगा। वहीं, कॉरपोरेट वकील एच पी रानीना का कहना है कि फैसले के बाद विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
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