Market Ticker

Translate

Saturday, June 28, 2014

मानसून कमजोर रहने के बाद भी नहीं बढ़ेगी खाद्य तेलों की कीमतें

मानसून कमजोर रहने के बाद भी नहीं बढ़ेगी खाद्य तेलों की कीमतेंमानसून का कमजोर होना खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी को बल देता है। लेकिन उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद बड़ी तेजी की संभावना पर अंकुश लगाती है। देश के बड़े तेल कारोबारी और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में मानसून कमजोर रहने के बावजूद खाद्य तेलों की कीमतों में बहुत बड़ी तेजी के आसार नहीं हैं।

विशेषज्ञों का नजरिया
एलएमसी इंटरनेशनल के मुताबिक पिछले दिनों कच्चे तेल की कीमतों आई तेजी की वजह से पाम ऑयल को सपोर्ट मिला। कच्चे तेल में तेजी जारी रही तो पाम ऑयल में तेजी देखने को मिल सकती है। साथ ही रूस और यूक्रेन में सूरजमुखी तेल का उत्पादन बढ़ने से दुनियाभर में पाम तेल की निर्यात हिस्सेदारी घट सकती है।

सूर्यमुखी का तेल आमतौर पर सोयाबीन, रिफाइंड तेल और सरसों तेल से महंगा बिकता है। लेकिन आजकल वो पाम ऑयल के बराबर बिक रहा है जिससे सूर्यमूखी की सप्लाई बढ़ गई है। पाम तेल का भविष्य कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।

दोराब मिस्त्री के मुताबिक मार्च 2014 में पाम ऑयल के मूल्य का पूर्वाअनुमान गलत साबित हुआ क्योंकि इंडोनेशिया, मलेशिया और अर्जेंटीना ने जैव डीजल जनादेश को नहीं माना।
पाम तेल का उत्पादन इंडोनेशिया और मलेशिया में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा होने की संभावना है। इंडोनेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन 0.5 एमएमटी बढ़कर 305 लाख टन होने की उम्मीद है।
मलेशिया का उत्पादन पिछले सीजन के 19.7MMT के मुकाबले 19.9MMT होने की संभावना है। 2014 में जनवरी से मई तक मलेशिया का पाम तेल उत्पादन 5,24,000 बढ़ा तो वहीं एक्सपोर्ट 7,90,000 एमटी घटा। छोटी अवधि में पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे तेल दोबारा अपना बाजार हिस्सेदारी हासिल करेगा।

दुनियाभर के आंकड़े एक नजर में
ब्राजील, अर्जेंटीना और अमेरिका में फसल अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। कनाडा में कैनोला,रूस और यूक्रेन में सूरजमुखी की फसल ज्यादा होने से पूरी दुनिया में तेल की सप्लाई बढ़ सकती है।
वहीं भारत में अभी तक सोयाबीन के फसल पर मानसून का काई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। मध्य जुलाई और अगस्त में बारिश फसल के लिए महत्वपूर्ण होगा। सोयाबीन की कमजोर उत्पादन का वैश्विक बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भारत सरकार सितंबर के आसपास रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर सकती है। दोराब मिस्त्री के अनुसार कमजोर उत्पादन का अनुमान लगाना अभी जल्दी होगा और छोट अवधि में सोयाबीन की कीमतों में ज्यादा उछाल आने की संभावना कम नजर आ रही है। अगर उत्पादन घट भी जाता है तो भी कीमतों पर ज्यादा असर नहीं होगा। वहीं अच्छी क्विलिटी की बीज होने के कारण इसकी बुआई अगस्त तक की जा सकती है। इसलिए मध्य जुलाई और अगस्त में बारिश महत्वपूर्ण होगा।   

No comments:

Economic Event Calendar

GMT+5:30 Event Vol. Actual Consensus Previous
Monday, Jul 14
04:00 Business NZ PSI 2 44
04:15 Electronic Card Retail Sales (YoY) 1 0.9%
04:15 Electronic Card Retail Sales (MoM) 1 -0.2%
04:31 Rightmove House Price Index (YoY) 1 0.8%
04:31 Rightmove House Price Index (MoM) 1 -0.3%
Economic Calendar >> Add to your site

Best Mutual Funds

Recent Posts

Search This Blog

IPO's Calendar

Market Screener

NSE BSE Tiker

Custom Pivot Calculator

Popular Posts

Market & MF Screener